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नाजुक सी कली हो फूल सी खिली हो लाखों में एक हो ला


नाजुक सी कली हो
फूल सी खिली हो
लाखों में एक हो
लाखों में पली हो
मधुर भाषिणी हो 
जैसे चिड़िया चकहती हो 
काली जुल्फें ऐसी 
जैसे घटा छा रही हो 
मृगनयनी हो
नटखट चुलबुली हो 
चलती हो बलखाती 
बहती हुई नदी हो 
शायर की शायरी हो 
आशिक की आशिकी हो 
जान हो जिंदगी हो
हमराह जांनसीं हो।

©Vijay Vidrohi
  #कली