मेरी बहना दो बहनों की प्रेम लड़ाई लड़ते -लड़ते दोनों मुस्कराई...! मुझे छोटी गुड़िया बनाकर खुद खेला करती थी वो...! खेल खिलोने सब दिलाकर मेरा मन मचलाती थी वो..! ऊंगली पकड़कर चलना सिखाया अब दूर जाकर सब याद दिलाया...! थोड़ी हठी थोड़ी जिद्दी है मन की कोमल कमली है...! हंसते खेलते हम बड़ी हुई देखते देखते हमसे दूर चली...! ©Khuman Singh sisters love #sister #SisterLove