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बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, गरूर में रहते है ताजो

बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, गरूर में रहते है ताजो-तख्त की तरह।
ना तो हमदर्द ना हमसाया रहते है वो,
हो जाते है बस सूखे दरख़्त की तरह।
✍️"हुड्डन"🙏 #बदलते_है_लोग
बदल जाते है लोग वक़्त की तरह, गरूर में रहते है ताजो-तख्त की तरह।
ना तो हमदर्द ना हमसाया रहते है वो,
हो जाते है बस सूखे दरख़्त की तरह।
✍️"हुड्डन"🙏 #बदलते_है_लोग