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गीत बनकर दिलों में उतर जाइए। मीत बनकर दिलों

गीत  बनकर   दिलों  में उतर  जाइए।
मीत  बनकर  दिलों  में  ठहर  जाइए।

प्रीत है तो चले फिर किधर  को अभी 
जिंदगी   में  सदा  ही  बसर   जाइए।

प्यार करना नहीं  जो निभा  ना सको
तोड़  देना  नहीं   दिल  उधर  जाइए।

दिल लगा के ठगा वो  नहीं आशिकी
इश्क में आप हर  दिल  शहर जाइए।

बागवा  में  कली  फूल कितने खिले।
देख कोई कली  चल  सफर  जाइए।

इश्क करना  सभी  के  लिए  है नहीं।
प्यार करके अजी  मत  मुकर जाइए।

दिल  लगाना  नहीं  खेलने  के  लिए।
इश्क  असली  जरूरत  सुधर जाइए।

    के एल महोबिया ✍️🙏

©K L MAHOBIA
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