दिन भर जो खुद पर बीतती है, फिर और अच्छी हो या बुरी, रात को बैठ कर, उनपर कविताएं और गाने बनाता हूं.....! शायद इसलिए भी नापसंद हूं मैं, अपनी मां को, वो मंदिर जाने को कहती है तो मैं बहाने बनाता हूं.....!! रोहित ' पागल ' पाल #मां #momlove #poetryonmom shayd isiliye bhi napasnd hu apni maa ko