Nojoto: Largest Storytelling Platform

हर बात कविता नहीं होती कुछ बातें समझाने लायक भी हो

हर बात कविता नहीं होती
कुछ बातें समझाने लायक भी होती हैं
लड़कपन यानि की बहकते कदम
गलत संगत का असर(एक चार फुट की दीमक लगी लड़की  sorry
 लकड़ी पूरे घर के फर्नीचर (Society) को खत्म कर सकती है)
मां बाप से धोखा(दीपक तले अंधेरा) दादा-दादी,नाना-नानी की
 औकात ही क्या है ,खुद भी हंसी उड़ाओ और friends 
से भी उड़वाओ। बात संस्कारों की नहीं है, औलाद तो 
मां बाप के सच्चे मन की कृति (रचना) है।
यह teen age अर्थात ना जवानी,ना बचपन
बर्बादी की कगार पर खड़ा बचपन 
जिसे अपने बड़े बूढों से नफरत है।

©Harvinder Ahuja #बहकता बचपन

#Silence
हर बात कविता नहीं होती
कुछ बातें समझाने लायक भी होती हैं
लड़कपन यानि की बहकते कदम
गलत संगत का असर(एक चार फुट की दीमक लगी लड़की  sorry
 लकड़ी पूरे घर के फर्नीचर (Society) को खत्म कर सकती है)
मां बाप से धोखा(दीपक तले अंधेरा) दादा-दादी,नाना-नानी की
 औकात ही क्या है ,खुद भी हंसी उड़ाओ और friends 
से भी उड़वाओ। बात संस्कारों की नहीं है, औलाद तो 
मां बाप के सच्चे मन की कृति (रचना) है।
यह teen age अर्थात ना जवानी,ना बचपन
बर्बादी की कगार पर खड़ा बचपन 
जिसे अपने बड़े बूढों से नफरत है।

©Harvinder Ahuja #बहकता बचपन

#Silence