चलो एक फरियाद लिखती हु. कल की कलम से आज लिखती हूं।। मै रोशन नहीं हूं साया बनकर तेरे संग चली हूं फिरभी रोशन - ए- खास लिखती हूं तेरे लिए अरमानों का एक चांद लिखती हूं।