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#Pehlealfaaz कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है 

#Pehlealfaaz  कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है  की

जला दु सारी कविताएँ अपनी ,सारी नज़्मे की

लिखा था जिनको तुम्हारी याद में कभी 

जिनकी हसरत तुम थी 

जिस वजह से उतरे थे अल्फ़ाज़ कागज़ पर कभी 

वो अब बाकी नहीं 

अब तुम नहीं ,ना तनहाई भी 

कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है  की 

बसर हो रही है जिंदगी यु सालदरसाल 

दरअसल कम असर हो रहा है ग़म गर जुदाई का 

की फ़िराक की शबे भी अब इतनी मायूस नहीं 

तो फिर करू क्या इन लिखावटोंकी पूँजीका 

जो दरअसल चंद आसूओंकी 

और चंद हसीं की 

बस एक रंगबिरंगी कहानी है और 

लम्हातोंकी लिखी हुई जबानी है 

और बस 

कुछ थब्बे है ,स्याहि के 

, उनमेसे कुछ आसूओंके भी है

कुछ तजुर्बे से लिखे है 

कुछ बेतजुर्ब है 

ताज्जुब है की 

मिटते नहीं है ये अब 

चुनांचे 

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है की 

जला दु सारी कविताएँ अपनी ,सारी नज़्मे की

लिखा था जिनको तुम्हारी याद में कभी 

जिनकी हसरत तुम थी 

जिस वजह से उतरे थे अल्फ़ाज़ कागज़ पर कभी 

वो अब बाकी नहीं 

अब तुम नहीं ,ना तनहाई भी 

- भावेश #कभीकभी #साहीर #poetry #shayari #lonely #emptiness #freeread
#Pehlealfaaz  कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है  की

जला दु सारी कविताएँ अपनी ,सारी नज़्मे की

लिखा था जिनको तुम्हारी याद में कभी 

जिनकी हसरत तुम थी 

जिस वजह से उतरे थे अल्फ़ाज़ कागज़ पर कभी 

वो अब बाकी नहीं 

अब तुम नहीं ,ना तनहाई भी 

कभी कभी मेरे दिल में ये ख़याल आता है  की 

बसर हो रही है जिंदगी यु सालदरसाल 

दरअसल कम असर हो रहा है ग़म गर जुदाई का 

की फ़िराक की शबे भी अब इतनी मायूस नहीं 

तो फिर करू क्या इन लिखावटोंकी पूँजीका 

जो दरअसल चंद आसूओंकी 

और चंद हसीं की 

बस एक रंगबिरंगी कहानी है और 

लम्हातोंकी लिखी हुई जबानी है 

और बस 

कुछ थब्बे है ,स्याहि के 

, उनमेसे कुछ आसूओंके भी है

कुछ तजुर्बे से लिखे है 

कुछ बेतजुर्ब है 

ताज्जुब है की 

मिटते नहीं है ये अब 

चुनांचे 

कभी कभी मेरे दिल में ख़याल आता है की 

जला दु सारी कविताएँ अपनी ,सारी नज़्मे की

लिखा था जिनको तुम्हारी याद में कभी 

जिनकी हसरत तुम थी 

जिस वजह से उतरे थे अल्फ़ाज़ कागज़ पर कभी 

वो अब बाकी नहीं 

अब तुम नहीं ,ना तनहाई भी 

- भावेश #कभीकभी #साहीर #poetry #shayari #lonely #emptiness #freeread