हां हां हिन्दू है हम राम का त्याग या कृष्ण का सुदर्शन। इन्द्र का वज्र या दधीचि का अर्पण। जगत कल्याण को है सदा समर्पण। निशब्द निशा के शीतल इंदु हैं हम। हां हिन्दू हैं हम, हां हां हिन्दू हैं हम।। दिनकर की ज्योति सा तेज हमारा। लहराए व्योम में भगवा ध्वज न्यारा। बसुधैव कुटुंबकम् का संदेश हमारा। नित गर्जन करता, सप्तसिंधु हैं हम। हां हिन्दू हैं हम, हां हां हिन्दू हैं हम।। सनातन धरम का है बस यही सार। मानव का मानव से बढ़ जाए प्यार। सेवा भाव में तत्पर हो जाएं निसार। समस्त जग का आधार बिंदु है हम। हां हिन्दू हैं हम, हां हां हिन्दू हैं हम।। हिंदुत्व रग रग हिन्दू ही मेरा परिचय। कर्म क्षेत्र में अडिग नही कोई संशय। सदियों होता आया जग में जयजय। सकल विश्व हमारा, विश्वबंधु है हम। हां हिन्दू हैं हम, हां हां हिन्दू हैं हम।। अमित अनुपम हां हां हिन्दू हैं हम