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कभी प्यार से समझा कर, कभी डाँट के डरा कर, हमें पढ़

 कभी प्यार से समझा कर, कभी डाँट के डरा कर, हमें पढ़ना-लिखना सिखाते हैं टीचर,
कभी जो विद्यालय न आये तो घर से बुलाते हैं टीचर, कभी माँ-पिता के तानों से भी बचाते हैं टीचर,
कभी बच्चे की शैतानियों से नाराज भी हो जाती हैं टीचर, कभी बच्चों की नादानियों में बच्चा बन जाती है टीचर।
जिंदगी की हर मुश्किल में बहुत याद आती है टीचर, सिर्फ किताबों का ज्ञान ही नहीं, जिंदगी को अच्छे से जीना भी सिखाती है टीचर,
कुछ लोगों की बुराई सहन करके भी चुप रहती है टीचर, क्योंकि बच्चों को पढ़ाने वाली बहुत अच्छी होती है टीचर।

©Rakshit Raj
  #Sunhera School Teacher
rakshitraj3553

Rakshit Raj

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#Sunhera School Teacher #Knowledge

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