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आन बान सम्मान तिरंगा । भारत की है जान तिरंगा ।। स

आन बान सम्मान तिरंगा ।
भारत की है जान तिरंगा ।।

सरहद पर मिटने वालों का ।
है अंतिम अरमान तिरंगा ।।

भारत माँ के हर दुश्मन को ।
तूफानों का भान तिरंगा ।।

अपनों को है नर्म हवा सा ।
दुश्मन को तूफान तिरंगा ।।

शांति और सम्रद्धि का सूचक ।
बलिदानों की आन तिरंगा ।।

संस्कृति के नन्हे प्रसून सा ।
विश्व गुरू का ज्ञान तिरंगा ।।

भारत माँ के हर सपूत का ।
धर्म कर्म  ईमान तिरंगा ।।

सोने की चिड़िया के घर की ।
मिट्टी का दीवान तिरंगा ।। 

'स्मित' देवों की इस धरती  पर ।
संस्कारों की खान तिरंगा ।।

©RJ राहुल द्विवेदी 'स्मित'
  #तिरंगा #कविता #ग़ज़ल

तिरंगा कविता ग़ज़ल

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