कितने वो नाराज है मुझसे, कितना मैं उसपे मरता हूँ, हिसाब कहाँ मिलता है। जर्रे-जर्रे से गवाही ली है, उसने मेरे इश्क़ की, फिर भी मेरे खत का, जवाब कहाँ मिलता है।@® ©ady #जर्रा-जर्रा#इश्क#खत#नाराज