Thank You, Mirakee नज़्मो-ग़ज़लों से, शे'रो शायरी से फिलहाल कोसो दूर हूँ मगर न तो खामोश हूँ और न ही वक्त के हाथों मजबूर हूँ क़लम मेरी रुकती नहीं, लिखती जाती है, थकती नहीं हाँ, ज़बाँ बदल गई है, पर बात अपनी कहता ज़रूर हूँ अँग्रेज़ी हो या हिंदी, ऊर्दू हो या मराठी, सभी मेरी अपनी हैं सबके साथ इंसाफ करने की कोशिश करता ज़रूर हूँ आज़ाद हूँ, अकेला हूँ, गुटबंदी से दूर रहना पसंद करता हूँ शायद ही किसी को बुलाता हूँ, मगर बुलाने पर जाता ज़रूर हूँ बस, लिखता चला जाता हूँ, उम्मीद किसी से मैं रखता नहीं मानता हूँ, खुशकिस्मत हूँ, जी भर के प्यार पाता ज़रूर हूँ #NojotoQuote #mirakee