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वो छूटता हुआ हाथ न रोक सके बचा सकते थे उस बिखरते र

वो छूटता हुआ हाथ न रोक सके
बचा सकते थे उस बिखरते रिश्ते को
देखते ही रहे बस
न कुछ बोल सके 
कुछ नही था
वो कहते थे हम दोनों के दरमियां 
था तो बस खालीपन , 
झुंझलाहट और दर्द भरी सिसकियां
चीख कर चिल्ला कर 
मैं कह देना चाहते थी
मेरी वो असीम वेदना
क्यो खिलौना बन बैठा ह्रदय हमारा
वो जानते थे भली-भांति इससे खेलना
मैं बोल सकी न , चाहती थी मैं बोलना
लेकिन सुनने को तैयार न थे वो
वो तो जानते थे बस
ह्रदय को मेरे भेदना
पीछे पलट कर भी न देखा 
एक बार भी 
या वो चाहते ही नही थे देखना
✍️रिंकी

 वो छूटता हुआ हाथ न रोक सके
बचा सकते थे उस बिखरते रिश्ते को
देखते ही रहे बस
न कुछ बोल सके 
कुछ नही था
वो कहते थे हम दोनों के दरमियां 
था तो बस खालीपन , 
झुंझलाहट और दर्द भरी सिसकियां
वो छूटता हुआ हाथ न रोक सके
बचा सकते थे उस बिखरते रिश्ते को
देखते ही रहे बस
न कुछ बोल सके 
कुछ नही था
वो कहते थे हम दोनों के दरमियां 
था तो बस खालीपन , 
झुंझलाहट और दर्द भरी सिसकियां
चीख कर चिल्ला कर 
मैं कह देना चाहते थी
मेरी वो असीम वेदना
क्यो खिलौना बन बैठा ह्रदय हमारा
वो जानते थे भली-भांति इससे खेलना
मैं बोल सकी न , चाहती थी मैं बोलना
लेकिन सुनने को तैयार न थे वो
वो तो जानते थे बस
ह्रदय को मेरे भेदना
पीछे पलट कर भी न देखा 
एक बार भी 
या वो चाहते ही नही थे देखना
✍️रिंकी

 वो छूटता हुआ हाथ न रोक सके
बचा सकते थे उस बिखरते रिश्ते को
देखते ही रहे बस
न कुछ बोल सके 
कुछ नही था
वो कहते थे हम दोनों के दरमियां 
था तो बस खालीपन , 
झुंझलाहट और दर्द भरी सिसकियां