अच्छा सुनो.. उस रोज चाय का जो आखिरी प्याला तुमनें मेरे लिए बचाएं रक्खी थीं ना.., तब ही से मेरी भी मुहब्बत तुमसे रोजाना बढ़ती जा रही थी। #achhasuno