लेखनी को जीवन मानता लेखक निचोड़ देता जिंदगी को स्याही जैसे टपकता समय के बूंद और कोरा कागज़ में आकृति बनाती लम्हें खटकता उसे भावनाओं का अनियंत्रित अभिव्यक्ति और भटकता दर्द को ना संभल पाने की युक्ति #yqbaba#yqdidi#लेखनी#लेखक#yqquotes