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एक निराली सुबह हर रोज़ मेरी चौखट पर चुपचाप जिस




एक निराली सुबह 
हर रोज़ मेरी चौखट पर चुपचाप जिस तहज़ीब से लिख 
जाती हो तुम
उन सुर्ख लबों की शोखी से ही तो
दिन भर सूरज चमकता है...!!!

©Vivek
  #निराली सुबह
vivek7712018445095

Vivek

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