सारी रात करवट बदलता रहा यूँ ही तेरी यादों संग ढ़लता रहा, न थी ऑंखों में नींद, न ही दिल में करार कहने वाले कहने लगे इसे भी प्यार, वो तो मैं ही जानता हूँ कि वज़ह क्या है क्यूँ नींद नहीं है, क्यूँ वो ख़फा है, प्यार का रास्ता तो कब का खो दिया अब तो बस एक अदनी सी ख़्वाहिश की रजा है, मुकम्मल हो हर वो चाहत जरूरी नहीं जिंदगी में मिलती कुछ ऐसी भी सजा है, कि कुछ तो होता है उस अंधेरी-अकेली रात में जब खौफ़ अपनों से बिछड़ने का सोने न देता है, चाहतों को फिर भी आख़िरी सांस तक धड़काते हैं चलो एक मर्तबा फिर खुली आँखों के ख़्वाब हो आते हैं।। "चलो एक मर्तबा फिर, खुली आँखों के ख्वाब हो आते हैं" #ख़्वाब #ख़्वाहिश #प्यार #चाहत #दिल #YQdidi #YQbaba