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मेरे जीवनसाथी जैसे मेरा हमराही, चलती है वह हर वक



मेरे जीवनसाथी जैसे मेरा हमराही,
चलती है वह हर वक़्त मेरे साथ हर एक मुक़ाम पर।

रखती है वह मेरा ख्याल एक माँ की तरह अब,
कमी आने नहीं देती कभी मेरी खुशियों में।

लौटता हूंँ जब शाम को थक के घर में वापिस, 
देखकर उनकी एक मुस्कान पूरे दिन का थाक पल भर मे गायब। 

तू ना होती अगर मेरी जिंदगी में, 
सिर्फ यह ख़यालात ही मुझे मार देते हैं। 

तो सोचो हकीक़त में तेरे बग़ैर, 
यह जिंदगी भी क्या जिंदगी और यह जन्नत भी क्या जन्नत। 

-Nitesh Prajapati 


 P.P.12
#PP_शब्दरेखा_मेरेजीवनसाथी


➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।


मेरे जीवनसाथी जैसे मेरा हमराही,
चलती है वह हर वक़्त मेरे साथ हर एक मुक़ाम पर।

रखती है वह मेरा ख्याल एक माँ की तरह अब,
कमी आने नहीं देती कभी मेरी खुशियों में।

लौटता हूंँ जब शाम को थक के घर में वापिस, 
देखकर उनकी एक मुस्कान पूरे दिन का थाक पल भर मे गायब। 

तू ना होती अगर मेरी जिंदगी में, 
सिर्फ यह ख़यालात ही मुझे मार देते हैं। 

तो सोचो हकीक़त में तेरे बग़ैर, 
यह जिंदगी भी क्या जिंदगी और यह जन्नत भी क्या जन्नत। 

-Nitesh Prajapati 


 P.P.12
#PP_शब्दरेखा_मेरेजीवनसाथी


➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।

P.P.12 #PP_शब्दरेखा_मेरेजीवनसाथी ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है। #yqbaba #yqdidi #YourQuoteAndMine #collabwithशब्दरेखा