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कितना सुकून देता है, किसी गिरे को उठाना, किसी बेजु

कितना सुकून देता है,
किसी गिरे को उठाना,
किसी बेजुबान की जुबान बन जाना, 
किसी बेसहारे का सहारा बन जाना, 

कितना सुकून देता है,
किसी पराए को अपना बनाना,
थाम कर हाथ किसी का, 
उसकी मुश्किल से लड़ जाना, 

कितना सुकून देता है, 
किसी की जिंदगी उजालो से भर जाना, 
बिन बताए किसी को, 
किसी के चेहरे की मुस्कान बन जाना, 

कितना सुकून देता है, 
कभी कभी बेवजह, बेमतलब ही, 
किसी की ख्वाहिश पुरी कर जाना, 

कितना सुकून देता है, 
निस्वार्थ भाव से,
किसी की मदद कर देना ,
इक पल छोड़ जिद पैसे की, किसी के दिल की दुआएं कमाना.

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©Manavata Tripathi (Tejashvi) #madad #मदद #helping #mtt1507 #poem
कितना सुकून देता है,
किसी गिरे को उठाना,
किसी बेजुबान की जुबान बन जाना, 
किसी बेसहारे का सहारा बन जाना, 

कितना सुकून देता है,
किसी पराए को अपना बनाना,
थाम कर हाथ किसी का, 
उसकी मुश्किल से लड़ जाना, 

कितना सुकून देता है, 
किसी की जिंदगी उजालो से भर जाना, 
बिन बताए किसी को, 
किसी के चेहरे की मुस्कान बन जाना, 

कितना सुकून देता है, 
कभी कभी बेवजह, बेमतलब ही, 
किसी की ख्वाहिश पुरी कर जाना, 

कितना सुकून देता है, 
निस्वार्थ भाव से,
किसी की मदद कर देना ,
इक पल छोड़ जिद पैसे की, किसी के दिल की दुआएं कमाना.

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©Manavata Tripathi (Tejashvi) #madad #मदद #helping #mtt1507 #poem