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शीर्षक - करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम ---------

शीर्षक - करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
---------------------------------------------------------------
तब थे क्यों दूर हमसे तुम।
जब थे करीब तुमसे हम।।
अब क्यों जरूरत हमारी है।
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ------------------।।

लिखे थे खत तुमको हमने।
बताने को तुमको सपनें अपने।।
उम्मीद थी तुम यकीन करोगे।
 पूछते हो क्यों हाल, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर---------------------।।

ऐसे तो पहले तुम नहीं थे।
दिल से करीब तुम नहीं थे।।
कहते थे हमको दुश्मन अपना।
मिलते हो क्यों ऐसे, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ---------------------।।

हमने गुजारे थे तब दिन भूखे।
होली, दीवाली हम रहे थे सूखे।।
मनाते थे जश्न तुम, मेरे आँसुओं पर।
तरसते हो क्यों ऐसे, अब हमको तुम।।
तब थे क्यों दूर -----------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #करते हो क्यों प्यार, अब हमसे तुम
शीर्षक - करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम
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तब थे क्यों दूर हमसे तुम।
जब थे करीब तुमसे हम।।
अब क्यों जरूरत हमारी है।
करते हो क्यों प्यार अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ------------------।।

लिखे थे खत तुमको हमने।
बताने को तुमको सपनें अपने।।
उम्मीद थी तुम यकीन करोगे।
 पूछते हो क्यों हाल, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर---------------------।।

ऐसे तो पहले तुम नहीं थे।
दिल से करीब तुम नहीं थे।।
कहते थे हमको दुश्मन अपना।
मिलते हो क्यों ऐसे, अब हमसे तुम।।
तब थे क्यों दूर ---------------------।।

हमने गुजारे थे तब दिन भूखे।
होली, दीवाली हम रहे थे सूखे।।
मनाते थे जश्न तुम, मेरे आँसुओं पर।
तरसते हो क्यों ऐसे, अब हमको तुम।।
तब थे क्यों दूर -----------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #करते हो क्यों प्यार, अब हमसे तुम
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Gurudeen Verma

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