बिजली के तारों में आती है मुझे संदेशों की गड़गड़ाहट शरीर मेरा ना जाने कैसा है ना जलता है ना मलता है| बिजली के तारों में आती है मुझे संदेशों की गड़गड़ाहट शरीर मेरा ना जाने कैसा है ना जलता है ना मलता है|