पढ़ लो बच्चों पढ़ लो ४४४४४४४४४४४४४ पढ़ लो बच्चों पढ़ लो , इस जीवन में तुम पढ़ लो । जीवन है बड़ी छोटी , पुस्तक है बड़ी मोटी । पढ़ लो बच्चे पढ़ लो , इस जीवन में तुम पढ़ लो ।। माता-पिता को पहचानो , इस जीवन को तुम बना लो । भारत देश है मंदिर , महान बच्चों तेरा , जग में तुम नाम करोगे , हुई है अभी सवेरा । ब्रह्माण्ड के सब पंक्षी हैं , दिव्य ज्ञान है संवारा । माता , पिता , गुरु कि पुजा , शक्ति है हमारा । इश्वर है सर्व शक्तिमान , है ज्ञान का भंडार हमारा । खेला कूदा और पढ़ा , यही है इतिहास पुराना । भारत भूमि है हमारी आत्मा , मातृभूमि है सांस हमारा । शिक्षा , संस्कृति , संस्कार को , जीवन में गढ़ लो बच्चों गढ़ लो । पढ़ लो बच्चों पढ़ लो , इस जीवन में तुम पढ़ लो ।। ४४४४४४४४४४४४४४४४४४४ प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #पढ़ लो बच्चों पढ़ लो।