जब सोता हुँ । मै खोता हुँ, मिठे सपनो मे रोता हुँ। ईक आश जगाये बैठा था। मैं मन ही मन मे ऐंठा था। था घमण्ड मुझे उन पैसों पर। जो ईक पल मे ही बिखर गये। 😥 घमण्ड पैसे का 🙄