Nojoto: Largest Storytelling Platform

माहिया.. राहें हमारी अलग सी थी, फिर भी कुध अधुरा

माहिया..

राहें हमारी अलग सी थी, 
फिर भी कुध अधुरापन सा था
और फिर अचानक दिल खिले
मुझे तुम मिले, साथिया
माहिया

तुम मिले यू लगा सारा जहां मिल गया
जैसे मिल गया हो आसमा.
मेरी फिजा, मेरा समा सब कुछ तेरा हो गया, 
कुछ भी ना रहा दरमियां.
 साथिया माहिया

माहिया अब जब तेरी नजर से देखती हूं तो, 
तो कुछ अलग सा अपना पन लगे
जैसे यू लगे चेहरा है या आईना,
सब कुछ तेरे जैसा लगे
साथिया माहिया

जितने भी यू दूरियां, जितनी भी हो नज़दीकियां
सब फासलों में बयां होने लगे.
तेरी वो प्यारीसी मर्जीयां, 
युहीं अर्जीयां लगे।
तुझसे जुडे हर तार अपने से लगे
साथिया माहिया.
             @शब्दप्रेमवेडी. माहिया..
माहिया..

राहें हमारी अलग सी थी, 
फिर भी कुध अधुरापन सा था
और फिर अचानक दिल खिले
मुझे तुम मिले, साथिया
माहिया

तुम मिले यू लगा सारा जहां मिल गया
जैसे मिल गया हो आसमा.
मेरी फिजा, मेरा समा सब कुछ तेरा हो गया, 
कुछ भी ना रहा दरमियां.
 साथिया माहिया

माहिया अब जब तेरी नजर से देखती हूं तो, 
तो कुछ अलग सा अपना पन लगे
जैसे यू लगे चेहरा है या आईना,
सब कुछ तेरे जैसा लगे
साथिया माहिया

जितने भी यू दूरियां, जितनी भी हो नज़दीकियां
सब फासलों में बयां होने लगे.
तेरी वो प्यारीसी मर्जीयां, 
युहीं अर्जीयां लगे।
तुझसे जुडे हर तार अपने से लगे
साथिया माहिया.
             @शब्दप्रेमवेडी. माहिया..

माहिया.. #poem