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क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा नव सुमन जैसे खिलन

क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
नव सुमन जैसे खिलने वाला
सृजित हो रहा हृदय द्वार पर 
जैसे कोई प्रेम तारिका 
नयन निहारे ओर पुकारे 
राधा राधा
क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
पग चले बरसाने को 
नयन ना देखे बाधा 
मुख से बस निकले 
राधा राधा 
क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

©sushil mishra love is most beautiful feeling in this would
क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
नव सुमन जैसे खिलने वाला
सृजित हो रहा हृदय द्वार पर 
जैसे कोई प्रेम तारिका 
नयन निहारे ओर पुकारे 
राधा राधा
क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
पग चले बरसाने को 
नयन ना देखे बाधा 
मुख से बस निकले 
राधा राधा 
क्षिति तुम क्षितिज मैं तुम्हारा 
सुशील मिश्रा (क्षितिज राज)

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