सनम है तेरी कसम, बिन तेरे बहुत ही अकेले और तन्हा है हम। जब भी दूर जाते हो तुम मुझसे, रहता मुझे बिछड़ने का गम।। चाहत तेरी इस क़दर लगी, बिन तेरे एक घड़ी नही बीतती है। है मुझे हर पल तेरा इन्तजार, हरदम रहती ये मेरी आँखे नम। बेकरार हूँ मैं तो इतना, नही लिख सकती तुझे चन्द पंक्तियों में सुन लो मेरी हृदयवेधी पुकार, वरना जायेगी मेरी सांसे भी थम। विश्वास मेरा साकार करना, आकर मुझे अपनी बांहों में भर लेना। तुम आओगे लौट कर एक ना एक दिन, भरती हूँ खुद में यही दम। ना नोंक झोंक होगी, ना होगी तकरार कभी, कसम तुम्हारी खाते है। तुम पे अपना जीवन अपनी सांसे लुटाएंगे, कभी ना होगा प्यार कम। कब होगा मिलन हमारा, ख़्वाब संजोए तेरी प्यासी प्रियतमा नेह बैठी। हो जाए मेरी अधूरी ख्वाहिश मुकम्मल, बने प्यार का अद्भुत संगम। ♥️ Challenge-884 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।