सरकार कुछ न सुन रही कान में रूई डाल बैठी है बेरोजगार सब बदहाल हुआ नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा सामने अंधेरा दिख रहा मन इधर-उधर भटक रहा सरकार कुछ न सुन रही आयोग, बोर्ड सब बंद पड़ा भर्ती अब न हो रहा तैयारी कर सब घर बैठ गया पीएससी, एसएससी का बाट जोह रहा विज्ञापन कब आयेगा विज्ञापन जो निकला भी परीक्षा अब न हो रही सरकार कुछ न सुन रही बेरोजगार सड़क पर उतर पड़े थाली लोटा पीट रहे सरकार का विरोध खूब हो रहा पर सरकार पर कुछ असर न हो रहा रूप भयावह ले रहा युवा आवाज बुलंद कर रहा सरकार कुछ न सुन रही पढना लिखना बेकार हुआ डिग्री ले ले झक मार रहा उपार्जन कुछ न हो रहा सपना चकनाचूर हुआ ख्वाब सड़क बिखर गया बीच सड़क पर आ गया सरकार कुछ न सुन रही घर घर कलह फैल रहा युवा घर में बैठ गया माँ बाप का बोझ बन गया विवाह प्रस्ताव भी न आ रहा परिवार बाट निहार रहा पर सामने कोई न दिख रहा सरकार कुछ न सुन रही ©✒️संगीत कुमार /जबलपुर #सरकार कुछ न सुन रही कान में रूई डाल बैठी है बेरोजगार सब बदहाल हुआ नौकरी के लिए दर-दर भटक रहा सामने अंधेरा दिख रहा मन इधर-उधर भटक रहा सरकार कुछ न सुन रही