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होता धर्म का नाश धरा पर, अति पाप बढ़ जाता है

होता  धर्म का  नाश  धरा पर, अति  पाप  बढ़  जाता है,
प्रभु  अवतरित  होते किसी रूप में, विश्व शांति  पाता है।
जो भी किया प्रेम प्रभु से, अपने हृदय में छवि बसाया है,
देव-दानव के प्रकोप से हरि ने, भक्तों का मान बढ़ाया है।
सीधे-सादे गोकुल वासी वृष्टि को, इन्द्र की पूजा करते थे,
सुधि ना  लेते देवराज, बस अपने  अभिमान में  रहते थे।
त्राहि-त्राहि  हो रही नीर बिना, गोकुल, वृन्दावन की धरा,
कुपित ना  हो जाए  देवेन्द्र कहीं, गोकुल वासी  डरते थे।
दशा विहंगम  देख हरि ने, गोकुल वासियों को समझाया,
गाय-बैल की करो पूजा, जो दूध दही की अमृत बरसाया।
ऐसे देवता की  पूजा कैसी, जो अपनी धुन  में ही ऐंठा है,
ना सुध ले अपने भक्तों का, बस अभिमानी होकर बैठा है।
यह सुनकर देवेन्द्र गोकुल पर, अपना रौद्र  रूप दिखाया,
अतिवृष्टि  कर दी  हरि की नगरी में, त्राहि-त्राहि  मचाया।
गोकुल वासी  भागे दौड़े, कान्हा से  अपनी  गुहार लगाई,
तब नन्हें कान्हा ने कनिष्ठ पर, गोवर्धन पर्वत को उठाया।
इन्द्र का गर्व को  खर्व किया, तब सुरपति  लगे अकुलाने,
दौड़ा आ  गिरा  हरि के  शरण में, फिर लगे  क्षमा मांगने। Govardhan parvat h aaj ka topic...

#govardhanparvat #collab #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote
#krishna #krishnalove 
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होता  धर्म का  नाश  धरा पर, अति  पाप  बढ़  जाता है,
प्रभु  अवतरित  होते किसी रूप में, विश्व शांति  पाता है।
जो भी किया प्रेम प्रभु से, अपने हृदय में छवि बसाया है,
देव-दानव के प्रकोप से हरि ने, भक्तों का मान बढ़ाया है।
सीधे-सादे गोकुल वासी वृष्टि को, इन्द्र की पूजा करते थे,
सुधि ना  लेते देवराज, बस अपने  अभिमान में  रहते थे।
त्राहि-त्राहि  हो रही नीर बिना, गोकुल, वृन्दावन की धरा,
कुपित ना  हो जाए  देवेन्द्र कहीं, गोकुल वासी  डरते थे।
दशा विहंगम  देख हरि ने, गोकुल वासियों को समझाया,
गाय-बैल की करो पूजा, जो दूध दही की अमृत बरसाया।
ऐसे देवता की  पूजा कैसी, जो अपनी धुन  में ही ऐंठा है,
ना सुध ले अपने भक्तों का, बस अभिमानी होकर बैठा है।
यह सुनकर देवेन्द्र गोकुल पर, अपना रौद्र  रूप दिखाया,
अतिवृष्टि  कर दी  हरि की नगरी में, त्राहि-त्राहि  मचाया।
गोकुल वासी  भागे दौड़े, कान्हा से  अपनी  गुहार लगाई,
तब नन्हें कान्हा ने कनिष्ठ पर, गोवर्धन पर्वत को उठाया।
इन्द्र का गर्व को  खर्व किया, तब सुरपति  लगे अकुलाने,
दौड़ा आ  गिरा  हरि के  शरण में, फिर लगे  क्षमा मांगने। Govardhan parvat h aaj ka topic...

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