#LabourDay और इक मौसमे बहार गया दिल गया था ही क़रार गया आदमी का सफ़र हुआ पूरा जाते जाते कोई पुकार गया छोड़ कर फिर ख़्याल जन्नत का कोई और कूए यार गया दिल नशीं था आदावर वो था जैसे लाखों दिलों का प्यार गया चांद आग़ोश़ में चमकते हुए चांदनी साथ में हिसार गया एसे जाता भी है भला कोई जैसे वो दीवाना वार। गया शाह ऋषि था सुनहरी यादों में अपना सब कुछ यहीं पे वार गया शहाब उद्दीन शाह क़न्नौजी #Labour_Day #हिन्दी उर्दू #ऋषि#रनवीर