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ठहरे न पाँव जमीं पे आज, उसके जाने का जो पैग़ाम आया

ठहरे न पाँव जमीं पे आज, 
उसके जाने का जो पैग़ाम आया, 

ख्वाबों को उसके पंख लगा ही था, 
फिर क्यों उसे यमराज लेने आया? 

जो हसरत उनको सुनने की थी, 
अब वो आवाज हवाओं में गुम हो गयी, 

मेरा भाई ऐसा तुमको क्या हुआ... 
कि तुमने पल में ही जीवन त्याग दिया, 

अश्रु धारा फुट पड़े हैं 
इस कुल के दीपक बुझ गए हैं, 

हरीश तुमने ऐसा क्यों किया, 
बस यहीं सबकी आंखों ने हैं सवाल किए, 

तुमने सीधी जाते जीवन पथ को 
पहाडों में तब्दील किया है, 

उस पार तुम इस पार हम 
ऐसा क्या खेल खेला है, 

कुछ पल ठहर जाते तो काश ... 
तुम आज हमारे साथ होते ! 


ठहरे न पाँव जमीं पे आज, 
उसके जाने का जो पैग़ाम आया ।

©ramesh soni
  ठहरे न पाँव जमीं पे आज, 
उसके जाने का जो पैग़ाम आया, 

ख्वाबों को उसके पंख लगा ही था, 
फिर क्यों उसे यमराज लेने आया? 

जो हसरत उनको सुनने की थी, 
अब वो आवाज हवाओं में गुम हो गयी, 
rameshsoni8898

ramesh soni

New Creator

ठहरे न पाँव जमीं पे आज,  उसके जाने का जो पैग़ाम आया,  ख्वाबों को उसके पंख लगा ही था,  फिर क्यों उसे यमराज लेने आया?  जो हसरत उनको सुनने की थी,  अब वो आवाज हवाओं में गुम हो गयी,  #शायरी

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