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नज़रअंदाज़ कब से हुआ बैठा हूं; कभी तो नज़र ज़रा दी

नज़रअंदाज़ कब से हुआ बैठा हूं; कभी तो नज़र ज़रा दीजिए,
मैं बढ़ाऊंगा सौ आपकी ओर; आप एक अदद क़दम बढ़ा दीजिए,
गलतियों से सही गलियों में मेरी राहें भूल जाइये किसी शाम को ,
निखरता रंग चहरे के दिख जायेगा; आप एक उंगली बस अड़ा दीजिए।

©Akash Kedia #holdinghands #ishq #purnima_ka_akash #ungli #nazar
नज़रअंदाज़ कब से हुआ बैठा हूं; कभी तो नज़र ज़रा दीजिए,
मैं बढ़ाऊंगा सौ आपकी ओर; आप एक अदद क़दम बढ़ा दीजिए,
गलतियों से सही गलियों में मेरी राहें भूल जाइये किसी शाम को ,
निखरता रंग चहरे के दिख जायेगा; आप एक उंगली बस अड़ा दीजिए।

©Akash Kedia #holdinghands #ishq #purnima_ka_akash #ungli #nazar
akashkedia1107

Akash Kedia

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