*विघ्नहारी प्रभात,* *जगन्नाथ हे नाथ प्रभु, खड़े आपके द्वार।* *दे दर्शन कृत-कृत करो, करवाओ भव पार।* *स्वामी तिहरी कृपा का, नहीं आदि अरु अंत।* *स्वामी तव ब्रह्मांड के, महिमा अतुल अनंत।।* *प्रवीण त्रिपाठी, 03 जुलाई 2019* *विघ्नहारी प्रभात,* *जगन्नाथ हे नाथ प्रभु, खड़े आपके द्वार।* *दे दर्शन कृत-कृत करो, करवाओ भव पार।* *स्वामी तिहरी कृपा का, नहीं आदि अरु अंत।* *स्वामी तव ब्रह्मांड के, महिमा अतुल अनंत।।* *प्रवीण त्रिपाठी, 03 जुलाई 2019*