सीधी पन का तो जमाना ही नहीं रहा भले आदमी ने गलती से आटे का वजन किलो के बदले लीटर में क्या बता दिया जमाना उसके पीछे मोबाइल लेकर पड़ गया भाई वह आदमी इकाई का हिसाब उसी चीज से तो करता है जिसका वह ज्यादा टच में हो तभी तो दिन भर पाई पाई का हिसाब रखने वाला आदमी जब बीमारी से लौटा कर ड्यूटी जॉइन करता है तो बजाए यह कहने की कहता है कि आप टाइफाइड हुआ था मैं कहता है अरे गजब बीमारी हुई साहब ₹70000 खर्च हो गए दूसरी और हर फिक्र को धुएं में उड़ाने वाले लोग अपने घर से मिल्क बूथ की दूरी बस एक सिगरेट जितनी बताने लगते हैं समय बदलता है तो इकाई भी बदल जाया करती है पुराने जमाने में लोग फिल्मी कैसी है इसका जवाब पूरी 17 दिन की है कह कर दिया करते थे आजकल के दशक कहते हैं अरे बड़ी बकवास मूवी है 10 दिन में केवल ₹400000000 का ही बिजनेस किया है इकाई को गिरने का हर आदमी का अपना अलग-अलग अंदाज है हर मोहल्ले की केसरिया दूध प्रेमी ठंड के दिनों में जब लाला जी की दुकान पर लड़ाई में उबलता दूध पीने जाते हैं तो वह दूध 2 लीटर में नहीं बल्कि मीटर से नापते हैं ©Ek villain #आटा लीटर में और दूध मीटर में ने