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संतोष नहीं संतोष जो करे,वह पाछे पछताय। झूठे गुर

संतोष

 नहीं संतोष जो करे,वह पाछे पछताय। 
झूठे गुरूर के लिए,गलत राह वो जाय।। 

सदा रखे संतोष जो ,सुखमय वो हो जाय। 
सारी चिंता मुक्त हो, सदगति को वो पाय।। 

कठिन नहीं है कारवां, संतुष्टी अपनाय। 
 छूटे विकार हैं सभी,परम शांति को पाय।। 

ऊषा भदूला🙏

©Usha bhadula
  #delicate संतोष दोहे
ushabhadula1560

Usha bhadula

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#delicate संतोष दोहे #कविता

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