#लॉकडाउन जी उठी थी जो जिंदगी वह हांफने सी लगी है! लॉकडाउन एक दिन का रूह कांपने सी लगी है!! याद आया फिर वह मंजर साल पहले के दिनों का.. जिंदगी के सिर पर देखो मौत फिर नाचने लगी है!! थी अमीरी को मरने की चिंता और मौत गरीबी मांगने लगी है!!! अनुज "बेखबर" ©Anuj thakur "बेख़बर" लॉकडाउन