याद आया कोई मुझे, देखकर यह सलोना मंजर, थकता नहीं था कभी भी मैं, उसे झूला झुलाकर, आज जब ज़रूरत मुझे, सहारों की है उसकी, चला गया वो चुपचाप, मुझे वृद्धाश्रम में पहुँचाकर। 🌝प्रतियोगिता-80 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"याद आया कोई मुझे..."🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I