मोमबत्ती जलाकर इंतज़ार करता रहा पिघलते मोम से मेरा हाथ जलता रहा मिलने का वादा जैसे ही किया उन्होंने मन मेरा फिर कैसे कैसे मचलता रहा शाम से मिलने की फ़िराक में थे हम ढलते सूरज सा फिर मै भी ढलता रहा नींद में हम बिछड़ ही थे ,उठने के बाद मै तो बस अपनी आंखे ही मलता रहा खुद को जला कर उनको रोशन किया उनके छूते ही मै बर्फ सा पिघलता रहा @अभिनव #Barbad_Shayar #CandleLight