आज फिर से मुस्कुराना चाहता हूं शाख से टूटे हुए पत्ते को फिर लगाना चाहता हूं एक वो लम्हा जो गुजर गया ,उसे फिर से जीना चाहता हूं वो जो रूठे है उन्हें, फिर एक बार मानना चाहता हूं आज फिर से मुस्कुराना चाहता हूं। रूठी मुस्कान