बाजार तो पहले भी गर्म था और आज भी गर्म है पर जेबो.का बड़ा बुरा हाल है ठंडी जेबें थरथरा रही है वे चाहती तो बहुत कुछ है पर खरीद कुछ भी नहीं पा रही हैँ लगता है जेबों की बर्फीली ठंडक बाज़ार को भी अपनी ठंडक से संक्रमित करने लगीं है क्योंकि ज़ब क्रेता का इतना बुरा हाल है तो विक्रेता अपनी कब तक खैर मनायेगा #ठंडक.......