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फ़िर हम यूँ दर-ब-दर हो गये अपने ही शहर में बेघर हो

फ़िर हम यूँ दर-ब-दर हो गये
अपने ही शहर में बेघर हो गये

खुद को तलाशता रहा तिरे बाद मैं 
जो तुझसे बिछड़े सबसे बेख़बर हो गये

तिरे साथ मिरे भीतर इक गांव बसता था
तिरे बगैर हम पूरे शहर हो गये

तिजोरियों में संभाल कर रखा जाये वो राज थे हम
अब तो हम हर सुबह की ताज़ा ख़बर हो गये

हम जो जान थे उनकी आज कुछ भी नहीं
जो उनकी आँखों को चुभते थे हमसफर हो गये

बड़ी पूछ परख थी अपनी भी ज़माने में मगर
इश्क़ में हम कितने बे-कदर हो गये

अब तो मौत को दौड़ के गले लगा लेंगे हम
ज़िंदगी से ख़फ़ा हम बड़े बेसबर हो गये

वो जो 'तिलसमानी' था जो जादू जानता था
तिरे आंखों के आगे मगर सारे बेअसर हो गये

©Tilasmani KYS
  #Tilasmani #Kys