न मना खुशियाँ के अभी ज़िंदा हूँ मैं... ज़ख़्म देख के न समझ रंजीदा हूँ मैं... ऐ मेरे क़ातिल, ये आख़री लतीफा था मेरा, ज़रा हंस दे के मसखरा बड़ा संजीदा हूँ मैं! ©Shubhro K #just_kidding