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न मना खुशियाँ के अभी ज़िंदा हूँ मैं... ज़ख़्म देख

न मना खुशियाँ के अभी ज़िंदा हूँ मैं... 
ज़ख़्म देख के न समझ रंजीदा हूँ मैं... 
ऐ मेरे क़ातिल, ये आख़री लतीफा था मेरा, 
ज़रा हंस दे के मसखरा बड़ा संजीदा हूँ मैं!

©Shubhro K #just_kidding
न मना खुशियाँ के अभी ज़िंदा हूँ मैं... 
ज़ख़्म देख के न समझ रंजीदा हूँ मैं... 
ऐ मेरे क़ातिल, ये आख़री लतीफा था मेरा, 
ज़रा हंस दे के मसखरा बड़ा संजीदा हूँ मैं!

©Shubhro K #just_kidding
shubhrokdedas6046

Shubhro K

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