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White तुम रग रग में हो बहती धारा ****************

White तुम रग रग में हो बहती धारा 
*********************** 
जीवन की अंतिम आशा बन,
अधरों की अंतिम प्यास बनो।
तुम रग रग में हो बहती धारा,
तुम अंतिम कोई तलाश बनो।

तुम मधु  बनो या कोई मदिरा,
या चाहे तो  कोई अंगार बनो।
है क्षण क्षण प्यासा जीवन यह,
तुम अमृत का कोई धार बनो।

बनो जीवन की अंतिम किरणें,
चीर दे हृदय के घने तमस को।
तूझमें सांसों की बसी अमरता,
और दूर कर तू मेरे विवश को।

तुम विकल्प की अंतिम आशा,
तूझसे  ही जुड़ी  निर्मल काया।
जीवन की डोर तूझसे ही बंधी, 
चाहे बने तू कोई शीतल छाया।

मधु और गरल का संगम तू है,
तुम सहज व अति दुर्गम तू है।
हो आदि-अंत का पूर्ण विराम,
असीम,अनंत और अगम तू है।
×××××××××××××××××××
---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-17/03/2025

©Rajesh Kumar #sunset_time
White तुम रग रग में हो बहती धारा 
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जीवन की अंतिम आशा बन,
अधरों की अंतिम प्यास बनो।
तुम रग रग में हो बहती धारा,
तुम अंतिम कोई तलाश बनो।

तुम मधु  बनो या कोई मदिरा,
या चाहे तो  कोई अंगार बनो।
है क्षण क्षण प्यासा जीवन यह,
तुम अमृत का कोई धार बनो।

बनो जीवन की अंतिम किरणें,
चीर दे हृदय के घने तमस को।
तूझमें सांसों की बसी अमरता,
और दूर कर तू मेरे विवश को।

तुम विकल्प की अंतिम आशा,
तूझसे  ही जुड़ी  निर्मल काया।
जीवन की डोर तूझसे ही बंधी, 
चाहे बने तू कोई शीतल छाया।

मधु और गरल का संगम तू है,
तुम सहज व अति दुर्गम तू है।
हो आदि-अंत का पूर्ण विराम,
असीम,अनंत और अगम तू है।
×××××××××××××××××××
---राजेश कुमार 
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश)
दिनांक:-17/03/2025

©Rajesh Kumar #sunset_time
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Rajesh Kumar

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