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शिव ही आदि ,शिव ही अंत है , कोई सीमा नहीं, शिव अनं

शिव ही आदि ,शिव ही अंत है , कोई सीमा नहीं, शिव अनंत है ,देवो के देव महादेव शिव ही सर्वत्र है ।हे चंद्रशेखर, भुजंगपाणी, नीलकंठ, गंगाधर, महाकाल तेरी महिमा अपरम्पार है ,तु ही इस सृष्टि का आधार,यह संपूर्ण सृष्टि तेरा हि चमत्कार हैं।

©Amit Sir KUMAR
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