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Vishnu Bhagwan दोहा :- कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सो

Vishnu Bhagwan दोहा :-
कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सोचों मत परिणाम ।
देने वाला और है , तू कर अपना काम ।।

कुण्डलिया:-

जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम ।
करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।।
मिले मुझे आराम , कृपा अब रघुवर कीजै ।
सह जाऊँ मैं पीर , और अब साहस दीजै ।।
विनय प्रखर की आज , सुना रघुनंदन माने ।
स्वप्न दिखाया दास , छोड़ अब हम सब जाने ।।

२९/०३/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सोचों मत परिणाम ।
देने वाला और है , तू कर अपना काम ।।

कुण्डलिया:-

जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम ।
करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।।
Vishnu Bhagwan दोहा :-
कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सोचों मत परिणाम ।
देने वाला और है , तू कर अपना काम ।।

कुण्डलिया:-

जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम ।
करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।।
मिले मुझे आराम , कृपा अब रघुवर कीजै ।
सह जाऊँ मैं पीर , और अब साहस दीजै ।।
विनय प्रखर की आज , सुना रघुनंदन माने ।
स्वप्न दिखाया दास , छोड़ अब हम सब जाने ।।

२९/०३/२०२४     -   महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :-
कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सोचों मत परिणाम ।
देने वाला और है , तू कर अपना काम ।।

कुण्डलिया:-

जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम ।
करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।।

दोहा :- कर्म रखो बस ध्यान तुम  , सोचों मत परिणाम । देने वाला और है , तू कर अपना काम ।। कुण्डलिया:- जाने कैसे कर्म थे , भुगत रहे परिणाम । करता हूँ अरदास अब , मिले मुझे आराम ।। #कविता