Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेहरबान नादान हैं अगर तो नादान रहने दो, फूल नए खि

मेहरबान

नादान हैं अगर तो नादान रहने दो,
फूल नए खिलेंगे कि बागबान रहने दो,
ज़मीं तो घिर गई है सब तरफ से,
कुछ बचा है जो वो आसमान रहने दो,
अगर आरज़ू है हवाओं में रहने की,
तो ज़िंदा ऐसा बचा तूफ़ान रहने दो,
मेरी चाहतों में वो भी है शामिल,
चाहे कितने दिन का हो पर ऐसा मेहमान रहने दो,
मेरा मुक्कदर तो कर दिया तूने मुनासिब,
तेरे लिए मेरा ये एहसान रहने दो,
ता उम्र पढ़ता रहा किताब की तरह,
लिखाई में भी एक पन्ना सुनसान रहने दो,
मेरी नफ़रत हो या तेरी मोहब्बत,
दोनों में काबिज़ एक इंसान रहने दो,
दुनिया ने किया हम पर तक़ल्लुफ हर समय,
अब चाहो तो उसे भी थोड़ा परेशान रहने दो!

©Rangmanch Bharat
  #rangmanchbharat #sheroshayari #hindi_poetry #hindishayari #nojotoshayari #nojotopoetry #nojotopoem 

#weather_today