उनकी गली से गुजरना अब वो पहले वाली बात नहीं , ना ही वो खुली खिड़की है, ना ही उनकी आवाज़ , ना ही वो हमारा रुकना है, ना ही उनका इंतज़ार , खुश्बु नहीं आती अब परांठो की उनके घर से , की भूल गए हम वो रास्ता, अब वो पहले वाली बात नहीं । कभी छत पे आके वो बाल सुखाती थी , अब सूरज अकेला ही है गलियारों में , ना ही अब रात में उनका सपनो में आना है , ना ही हमारा यारो के बहाने उनके घर जाना , रात भी अब कुछ खफा सी लगती है , कहती है जाने दो अब वो पहले वाली बात नहीं । यूँ तो बरसाते कई देखी हैं हमने साथ साथ , पर अब मौसम भी कुछ शिकायत लेके आता है , कभी बादल बन वापिस लौट जाता है , कभी आंधी के साथ सारी यादें ले जाता है , कहता है खफा न होना पर अब वो पहले वाली बात नहीं । #yqchallenge #yqhindi #yqdidi #yqdada #yqtales #yqquotes #yqbhaijan #पहलेवालीबातनहीं