बाबा ने कहा था सत्य के लिए क्रांति हो तो कुछ अनुचित नही मैंने हर वर्ग मे सत्य की खूटी ठोकी पर दीवार पर जड़ा दूसरा पक्ष उसे कभी टिकने ही नही दिया बाबा! आपने कभी ये क्यों नही कहा झूठ दिखे तो उसके नसे फाड़ कर समाज के आगे उसे उल्टा टाँग देना काश! कहा होता!! ©चाँदनी #bachpan