पुरुष, बेशक़ बेरोजगार हो! फिर भी घरेलू काम उसको करते हैं शर्मसार स्त्री बेशक़ कामकाजी हो! वो नहीं कर सकती घरेलू कामकाज से इंकार। पुरुष प्रधान समाज! स्त्री पर डाल देता है अनगिनत, जिम्मेदारीयों का भार, दूगनी मेहनत के बावजूद आज भी औरत को कई क्षेत्रों में बराबरी की है दरकार। Challenge-140 #collabwithकोराकाग़ज़ 4 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #ज़िम्मेदारियाँ #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️