तुम ऐसा करना कि कोई जुगनू कोई सितारा सँभाल रखना
मिरे अँधेरों की फ़िक्र छोड़ो बस अपने घर का ख़याल रखना
उजाड़ मौसम में रेत-धरती पे फ़स्ल बोई थी चाँदनी की
अब उस में उगने लगे अँधेरे तो कैसा जी में मलाल रखना
बिछड़ने वाले ने वक़्त-ए-रुख़्सत कुछ इस नज़र से पलट के देखा
कि जैसे वो भी ये कह रहा हो तुम अपने घर का ख़याल रखना #Shayari